अब प्रोफेसर ने इस में से कोई भी कम पसंद वाले 5 नाम मिटाने के लिए कहा....
लड़की ने अपने दोस्तों के नाम मिटा दिए...
प्रोफ़ेसर ने और 5 नाम मिटाने के लिए कहा....
लड़की ने थोड़ा सोच कर अपने पड़ोसियों के नाम मिटा दिए....
अब प्रोफेसर ने और 10 नाम मिटाने के लिए कहा....
लड़की ने अपने सगे रिश्तेदारों के नाम मिटा दिए...
अब बोर्ड पर सिर्फ 4 नाम बचे थे जो इसके मां, बाप, शौहर और बच्चे का नाम था....
अब प्रोफेसर ने कहा इस में से और 2 नाम मिटादो....
लड़की कशमकश में पड़ गयी, बहुत सोचने के बाद बहुत दुखी होते हुए उसने अपने मां बाप का नाम मिटा दिया...
तमाम लोग दंग रह गए लेकिन पुर सुकून थे, क्योंकि वोह जानते थे के ये खेल सिर्फ वो लड़की ही नहीं खेल रही थी बल्कि उन सब के दिमाग में भी यही सब चल रहा था....अब सिर्फ 2 ही नाम बाकी थे... शौहर और बेटे का.....
प्रोफेसर ने कहा और 1 नाम मिटा दो.....
लड़की अब सेहमी सी रह गयी.....बहुत सोचने के बाद रोते हुए अपने बेटे का नाम काट दिया.....
प्रोफेसर ने इस लड़की से कहा तुम अपनी जगह पर जाकर बैठ जाओ, और सबकी तरफ गौर से देखा....और पूछा क्या कोई बता सकता है कि ऐसा क्यूं हुआ के सिर्फ शौहर का ही नाम बोर्ड पर रह गया ?
सब ख़ामोश रहे....
फिर प्रोफेसर ने उसी लड़की से पूछा के इसकी क्या वजह है ?
उस ने जवाब दिया के मेरा शौहर ही मुझे मेरे मां - बाप, भाई- बहन, हत्ता के अपने बेटे से भी ज्यादा अज़ीज़ है, वोह मेरे हर सुख दुख का साथी है, में उसे हर वोह बात शेयर कर सकती हूं जो में अपने बेटे या किसी से भी शेयर नहीं कर सकती.....
में अपनी जिंदगी से अपना नाम मिटा सकती हूं मगर अपने शौहर का नाम कभी नहीं मिटा सकती।
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